उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ जनक कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उत्तेजना पूर्वक आपा खोने वाले लहजे में जोर जोर से चिल्लाने को लेकर कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के इशारे पर स्मृति ईरानी सोनिया जी को देखते ही अपना आपा खो देती हैं, यह पहला अवसर नहीं है जब सोनिया जी पर उन्होंने टिप्पणी की है। इससे पहले स्व सुषमा स्वराज जी के बातों का जवाब जब सोनिया जी ने दिया था, तो सुषमा जी नहीं बल्कि स्मृति ईरानी ने उस पर कटाक्ष किया था।
साथ ही 2018 और 2020 में भी उन्होंने सोनिया जी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए अपने दिवालियापन का प्रमाण दिया था, जो प्रधानमंत्री के तरफ इशारा करता है कि वह अपने सबसे खास मंत्री को एक बुजुर्ग सांसद का अपमान करने का अधिकार देता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्रीमती सोनिया गांधी जी, जो त्याग की प्रतिमूर्ति हैं, देश में महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव आगे बढ़कर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहती हैं, प्रधानमंत्री जी ने अपने मंत्रियों को उनके पीछे लगा रखा है।
सोनिया जी को देखते ही स्मृति ईरानी अपना आपा खो जाती है और इस समय तो गोवा के रेस्टोरेंट वाले कांड को लेकर के वह मानसिक रूप से विक्षेपित नजर आ रही हैं। यह प्रतिक्रिया उसी का परिणाम था। भारतीय जनता पार्टी का यह इतिहास रहा है कि कभी ED से डराना, कभी सीबीआई से डराना और जब इससे भी नहीं हो पाया तो विपक्ष को एक सूत्र में बांधने का एकमात्र विकल्प सोनिया गांधी है, इसको लेकर प्रधानमंत्री ने स्मृति को आगे करके अपनी क्षीण मानसिकता का परिचय दिया है। लेकिन वह लाख कोशिश कर ले सोनिया जी के नेतृत्व में पूरा विपक्ष एकजुट होगा और 2024 में नरेंद्र मोदी जी की ऐतिहासिक हार होगी।
जिस तरह से वह किसान पर, मजदूर पर, महंगाई पर गिरे हुए हैं। उनको कोई चारा नहीं चल रहा है, इसलिए वह किसी के ऊपर कोई भी टिप्पणी कराने के लिए अपने सांसदों को पीछे लगा देते हैं। आप उदाहरण तौर पर देख सकते हैं कि सीतारमण जी जो आज बोल रही थी, सदन चलाने की उनकी जिम्मेदारी है लेकिन आज से पहले सदन के लिए नहीं बोली किंतु आज एक बुजुर्ग सम्मानित सांसद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर झल्ला रही थीं।