कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, सैनी समाज के प्रबुद्ध लोगों ने रौजा स्थित एक निजी आवास पर बैठक की और लखनऊ के डालीगंज में 1977 में बने महात्मा गौतम बुद्ध पार्क का नाम बदलकर 'हैप्पीनेस पार्क' किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। समाज के लोगों ने कहा कि वर्तमान सरकार समाज के महानायकों के इतिहास को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पार्क का नाम पुनः महात्मा गौतम बुद्ध के नाम पर नहीं रखा गया, तो वे एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव और कुशवाहा समाज के नेता डॉ. जनक कुशवाहा ने कहा, "कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, सैनी के इतिहास पर योगी सरकार बुलडोजर चला रही है। हमारा समाज सरकार की आंखों में किरकिरी बना हुआ है, जबकि समाज के समर्थन से ही 2017 में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। लखनऊ के डाली बाग स्थित गौतम बुद्ध पार्क को निजी हाथ में देने के लिए यह कुकृत्य किया गया है, परंतु समाज के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम जल्द ही इसके लिए एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए रणनीति तैयार करेंगे।"
कर्मचारी नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष देवेंद्र कुमार मौर्य ने कहा, "योगी सरकार को सबक सिखाने के लिए समाज को एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ने की आवश्यकता है।"
बसपा के पूर्व जिला महासचिव अखिलेश्वर कुशवाहा ने कहा, "भाजपा को तथागत भगवान गौतम बुद्ध के महान उपदेशों से डर लगता है। यदि समाज में ये उपदेश तेजी से फैल गए, तो भाजपा बैकफुट पर आ जाएगी। इसलिए सरकार ऐसे कार्यों को अंजाम देने पर तुली हुई है।"
बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश कुशवाहा ने की और संचालन समाजवादी पार्टी के नेता अरविंद कुशवाहा ने किया। इस अवसर पर राहुल कुशवाहा, रामबचन कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, पारस कुशवाहा, गोपाल कुशवाहा, धनंजय कुशवाहा, विरंजन कुशवाहा, अशोक कुशवाहा सहित तमाम समाज के बुद्धिजीवी लोग उपस्थित रहे।
समाज के लोगों ने सरकार से मांग की है कि वह तत्काल प्रभाव से पार्क का नाम बदलकर पुनः महात्मा गौतम बुद्ध के नाम पर रखे और उनके इतिहास को सम्मानित करे। यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।