डॉ जनक कुशवाहा उत्तर प्रदेश काँग्रेस समिति से सचिव के पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके साथ ही वह राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभालते हुए किसानों के मुद्दों पर काम कर रहे हैं। गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में सम्मिलित मोहम्मदाबाद विधानसभा से डॉ जनक कुशवाहा ने विधानसभा चुनावों में भी शिरकत की हुई है। स्वच्छ राजनीति की विचारधारा पर आगे बढ़कर कार्य करने की इच्छा से आगे बढ़ रहे डॉ कुशवाहा को राजनीति में तीन दशकों का अनुभव है और एक साधारण से किसान परिवार से आने के कारण वह हाशिये पर खड़ी जनता की मुश्किलों से बखूबी रूबरू हैं।
राजनीति में डॉ कुशवाहा की सक्रियता छात्र जीवन से ही रही हैं लेकिन औपचारिक रूप से वह वर्ष 1991 से काँग्रेस पार्टी के अंतर्गत राजनीति से जुड़े और विविध पदों पर सेवाएँ देकर संगठन मजबूती के लिए जुटे रहे। एक आम कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुड़े डॉ कुशवाहा ने ब्लॉक अध्यक्ष पद से शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय राजनीति का जिम्मा संभाला। उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष सहित विविध पदों पर सेवाएं दी और 2017 में मुहम्मदाबाद विधानसभा से काँग्रेस प्रत्याशी रहे। वर्ष 2020 के चुनावों में डॉ कुशवाहा मनिहारी विस सीट के लिए इलेक्शन कोऑर्डिनेटर रहे।
राजनीति के माध्यम से न केवल गाजीपुर जिले बल्कि समस्त देश के किसानों, मजदूरों और युवाओं के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का भावी विजन डॉ कुशवाहा रखे हुए हैं। खुद किसान परिवार से आने के कारण वह किसानों की समस्याओं को भली-भांति समझते हैं और उनके निदान का प्रयास भी करते हैं। इसके अतिरिक्त मजदूरों को भी उनके अधिकार दिलाने की दिशा में वह प्रयासरत रहते हैं। अपने स्कूली दिनों में उन्होंने शिक्षा प्राप्ति के लिए राजमिस्त्री का कार्य किया है, इसलिए वह मजदूर परिवारों की व्यथा को जानते हैं और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं।
साफ-सुथरी राजनीति के पक्षधर डॉ कुशवाहा का मानना है कि हम सभी राजनीति को गंदा मानकर चलते हैं, किन्तु इसके कारणों पर गौर नहीं करते। उनका मानना है कि राजनीति नहीं अपितु राजनीति में शामिल कुछ लोग भ्रष्ट होते हैं, जिसके कारण जनता का भरोसा राजनीति से उठ जाता है, इसीलिए यह जरूरी है कि राजनीति में आदर्शवादी और सिद्धांतवादी लोग शामिल हों ताकि राजनीति के जरिए देश प्रगति कर सके।
डॉ कुशवाहा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान भाइयों को संदेश देना चाहते हैं कि वह घबराएं नहीं, बस संघर्ष करें और परिश्रम करना कभी नहीं छोड़े। सही समय आने पर उन्हें उनके अधिकारों की प्राप्ति जरूर होगी क्योंकि हम सभी उनके साथ हैं। साथ ही वह देशवासियों से भी अपील करते हैं कि किसान देश के अन्नदाता हैं इसलिए हम सभी को मिलकर उन्हें समर्थन देना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की समस्या से बाहर निकलकर ही देश की प्रगति का मार्ग सुझाया जा सकता है।